संभागायुक्त कावरे की मौजूदगी में तंबाकू के ख़िलाफ़ जागरूकता के साथ क़ानूनी प्रावधानों पर मंथन
रायपुर संभाग के पाँचो ज़िलों के पंचायत विभाग के अधिकारी कर्मचारी हुए शामिल
रायपुर। तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में और अधिक प्रयास करने एवं आने वाली पीढ़ी को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा ब्लूमबर्ग परियोजना छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में आज संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संभागायुक्त श्री महादेव कावरे की मौजूदगी में इस कार्यक्रम में रायपुर संभाग के पाँचो ज़िलों के पंचायत विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को विस्तृत जानकारी दी गई । कार्यक्रम में तंबाकू के नशे से होने वाले हानिकारक प्रभाव एवं तंबाकू उत्पादों से होने वाली धातक बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक किया गया।
संभागायुक्त श्री कावरे ने तंबाकू को धीमा ज़हर बताते हुए इसके इस्तेमाल को सीमित करते हुए धीरे धीरे पूरी तरह रोकने पर ज़ोर दिया। उन्होंने तम्बाकू के पैकेट में स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होने के बावजूद भी लोगो द्वारा तम्बाकू का उपयोग किए जाने पर चिंता व्यक्त की गई। श्री कावरे ने तंबाकू के उपयोग को रोकने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर कड़े प्रयास करने को कहा।कार्यक्रम में तम्बाकू उत्पादों के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण एवम आर्थिक स्तिथि में पड़ने वाले भार से अवगत कराते हुए तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्रों की सेवाओं की जानकारी भी दी गई। कार्यशाला में कोटपा-2003 सहित धूम्रपान मुक्त नीतियों के बारे में विस्तार से बताया गया तथा तम्बाकू नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग,श्रम विभाग, परिवहन विभाग एवम आबकारी विभाग की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया।
0 तम्बाकू नियंत्रण की नीतियों एवं कानूनों की भी मिली जानकारी
इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को तंबाकू नियंत्रण के क़ानूनी पहलुओं से भी अवगत कराया गया। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन द्वारा तंबाकू के इस्तेमाल पर लगाम कसने के लिए अंतरविभागीय समन्वय की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।उन्होंने तम्बाकू नियंत्रण के लिए राज्य में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए राज्य में तम्बाकू की व्यापकता के बारे में बताया गया और मोनिटरिंग एप्प की जानकारी दी गई। डॉ जैन ने यह जानकारी भी दी कि राज्य में शिक्षा विभाग के सहयोग से शैक्षणिक संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जा रहा है। साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रथम चरण में प्रत्येक जिले की 5-5 ग्राम पंचायतों को धूम्रपान मुक्त करने के प्रयास प्रारंभ किया जा चुका है।
कार्यक्रम में उपायुक्त श्रीमती ज्योति सिंह, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डाँ. एम पी महेश्वर, स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ कमलेश जैन, पं. जे.एन.एम मेडिकल कॉलेज की विशेषज्ञ डॉ नेहा सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथलेश चौधरी, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी मनीष मेजरवार सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी और एन.टी.सी.पी. कार्यक्रम के काउंसलर व तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
Leave a Reply