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कोरबा। जनता की पसंद और जरूरत सहज-सरल-सुलझे नेतृत्व की है। लोकसभा चुनाव में यही परिकल्पना भी है। चुनावी शोर के बीच विगत दिवस कटघोरा में आयोजित जनसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कोरबा कठिन सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुश्री सरोज पांडेय को बडी़ नेत्री बताया। स्थानीय नेता इस बात के कई मायने निकालने लगे हैं।
दूसरी तरफ पीसीसी चीफ दीपक बैज का भाजपा पर जुबानी हमला हुआ तो कोरबा से लेकर चिरमिरी तक सभा में थप्पड़ मारने वाली दीदी बताया। दुर्ग का थप्पड़ पूरे कोरबा लोकसभा क्षेत्र में भी गूंज रहा है। थप्पड़ की बात से मतदाता और कार्यकर्ता दोनों सकपका गए हैं।
यह बातें लोगों के जेहन से विस्मृत हुए नहीं कि गार्डन में चाय पर चर्चा के दौरान उन्होंने विजयी होने पर ट्रिपल इंजन की मदद से विकास की बात कहकर सवाल छेड़ दिया कि पीएम से लेकर सीएम तक डबल इंजन चला रहे हैं,ये तीसरा कहाँ से आ गया..? विकास की ट्रेन में तीन इंजन पहली बार सुना गया।
इसके बाद सूबे के मुखिया ने सरोज पांडेय को “शेरनी” की संज्ञा देते हुए 50 समाज प्रमुखों के बीच कहा कि, जैसे शेर गांव में आता है तो जानवर से लेकर दीमक भी पेड़ से झड़ जाते हैं, वैसे ही सरोज के आने से विरोधी अपने आप दूर हो गए हैं।
अब वे सवाल छोड़ गए कि शेरनी सरोज के आने से कौन विरोधी दूर हुए हैं,खुद की पार्टी के या विपक्षी दल के..?
“शेरनी”की उपाधि से संबोधित कर एक नया संदेश दे दिया है,इसके बाद से प्रशासनिक अमला सकते में है और जनता में खामोशी। जनता के सामने सहज,सरल जनप्रतिनिधि की छवि की बजाय बड़ी-बड़ी क्यों हाँकी जा रही है…?
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