बिना रोक-टोक हो रही कोयला चोरी,सुरक्षा तार-तार

0 स्कूटी,बाइक,साईकिल आसान माध्यम से कई क्विंटल चोरी

कोरबा। खदान की सुरक्षा पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद खदानों से कोयला,कबाड़ और डीजल की चोरी थमने का नाम नहीं ले रही है।
कोयला चोरी तो खुलेआम हो रही है जिसे खदान क्षेत्र से लेकर घर पहुंचने तक आम रास्ते में भी कोई पूछताछ नहीं करता। अपनी जरूरतों की आड़ में कोयला चोरी कर बेचा जा रहा है जो जोखिम भरा होने के साथ-साथ एसईसीएल को आर्थिक क्षति है। कोयला जलाकर वायु प्रदूषण को चरम सीमा तक पहुंचाया जा रहा है जबकि कोयला जलाने से रोकने के लिये सरकार सब्सिडी में गैस सिलेंडर दे रही है। इसके बाद भी मुफ्त और चोरी का कोयला से निकलता धुंआ प्रकृति और इंसानों का दम घोंट रहा है। यह इसलिए ज्यादा हो रहा हैं क्योंकि इस पर नियंत्रण नहीं कर रहे हैं।
एक नजारा आज 28 फरवरी बुधवार को सुबह 7.30 बजे का उदाहरण स्वरूप है कि ये महिला अपनी स्कूटी से सर्वमंगला मंदिर नहर से कुसमुंडा जाने वाली बायपास मार्ग से इस प्रकार से अवैध रूप से वीडियो बनाने तक 5 बार कोयला लेकर जा चुकी है। और शाम तक न जाने कितने बार कोयला ढोकर लेजायेगी। एक बार में वह 4 बड़ी बोरी में कोयला ले जा रही है तो दिन भर का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके जैसे कई लोग साइकिल, मोटरसाइकिल से प्रतिदिन दिनदहाड़े सुरक्षा बलों के सामने इस प्रकार से सैंकडों टन कोयला चोरी कर ले जाते हैं। अब इस दौरान कोई हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा?

रोज सुबह 5-6 बजे से इस प्रकार का नजारा आपको देखने को मिल जायेगा जबकि यहां खदान की सुरक्षा के लिए तीन तरह की व्यवस्था की गई है जिसमें सी.आई.एस.एफ., त्रिपुरा राइफल के जवान और एस.ई.सी.एल. के स्वयं के सुरक्षा गार्ड हैं। इनके पीछे लाखों-करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद कोयला, डीजल और कबाड़ का चोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। सूत्र बताते हैं कि इसमें स्थानीय पुलिस के कुछ कर्मी भी मिले हुए हैं।
चुंकि कोयला और डीजल राष्ट्रीय संपदा है अतः यह एक राष्ट्रीय क्षति है। यदि समय रहते इसे रोकने हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो इस चोरी से होने वाले घाटे का खामियाजा देश के साथ-साथ यहां के कर्मचारियों को भी भुगतना पड़ेगा।


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