मोदी सरकार एक और मास्टर स्ट्रोक की तैयारी में…?

नई दिल्ली। एक देश एक चुनाव समिति के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 18000 पन्नों की रिपोर्ट आज राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को सौप दी है

समिति ने कहा है कि एक साथ चुनाव कराने से पारदर्शिता और समावेशन तो बढ़ेगा ही, इससे मतदाताओं को सुविधा होगी और चुनाव में उनका भरोसा बढ़ेगा।

समिति ने एक साथ चुनाव करवाने के लिए उपकरणों, कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के पूर्व प्रबंधन पर ज़ोर दिया है।

समिति ने अपनी रिपोर्ट जब राष्ट्रपति मुर्मू को सौंपी, तब अध्यक्ष रामनाथ कोविंद के साथ इसके सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद, जाने माने संविधान विशेषज्ञ सुभाष काश्यप, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी भी मौजूद थे। एक देश एक चुनाव’ पर विचार करने के लिए पिछले साल 2 ​सितंबर को इस समिति को बनाया गया था।

0 191 दिनों तक हुई चर्चा
18,626 पेजों की इस रिपोर्ट के लिए 2 सितंबर 2023 को एक समिति का गठन किया गया था, जिसने 191 दिनों तक एक्सपर्ट के साथ चर्चा करने के बाद रिपोर्ट जमा की है।
प्रस्तावित रिपोर्ट में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एकल यानी साझा मतदाता सूची तैयार करने की बात कही गई है. बता दें कि अभी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए अलग मतदाता सूची तैयार की जाती है. वहीं, स्थानीय नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की देखरेख में मतदाता सूची जारी होती है।
इस रिपोर्ट के पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बारे में बताया गया है. दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों को लोकसभा-विधानसभा के साथ इस तरह जोड़ने के लिए कहा गया है कि निकायों के चुनावों को लोकसभा और विधानसभा चुनाव के 100 दिनों के अंदर करा लिया जाए।