रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर में सरकारी अस्पताल में पदस्थ शराबी डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया गया है। उसकी लापरवाही से 10 साल के बच्चे की मौत हो गई।
कोयलीबेड़ा निवासी टिकेश पटेल के 10 वर्षीय बेटे मयंक पटेल के पेट में दर्द हो रहा था। मंगलवार 29 जुलाई को बच्चे को स्थानीय सरकारी अस्पताल में परिजन ले गए। वहां ड्यूटी पर डॉ.शीतल दुग्गा नशे की हालत में थे। उन्होंने बच्चे का उपचार करने से इनकार कर दिया। परिजन उसे लेकर दूसरे अस्पताल जा रहे थे, इसी बीच रास्ते में बच्चे ने दम तोड़ दिया। डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद उसकी सेवा समाप्त कर दी गई।
सोशल मीडिया में वायरल वीडियो जिसमें डॉ. दुग्गा के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोयलीबेड़ा के अस्पताल के बाहर सड़क में शराब का सेवन करते एवं ग्रामीणजनों के साथ गाली-गलौच एवं दुर्व्यवहार करते दिखाई दिया, के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कांकेर द्वारा 30.07.2024 को सामु स्वा. केन्द्र-कोयलीबेडा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान डॉक्टर के द्वारा विगत रात्रि को वायरल वीडियों के संबंध में ड्यूटी के समय शराब का सेवन तथा ग्रामीणजनों के साथ दुर्व्यहार स्वीकार किया गया साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र के अन्य स्टॉफ द्वारा अवगत कराया गया कि आये दिन शराब के नशे में रहते हैं।
इस संबंध में खण्ड चिकित्सा अधिकारी, विकासखण्ड कोयलीबेड़ा द्वारा प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। पूर्व में भी इस प्रकार के कृत्य के लिए लगातार शिकायत प्राप्त होने पर चेतावनी दिया गया है। परन्तु व्यवहार एवं कार्यशैली में आज तक किसी भी प्रकार का सुधार दृष्टिगोचर नहीं होने के कारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कांकेर द्वारा सेवा से पृथक किये जाने की अनुशंसा इस कार्यालय को प्राप्त हुआ है। यह कृत्य आपके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही को प्रदर्शित करता है जो कि कदाचरण की श्रेणी में आता है।
अतः मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कांकेर से सेवा समाप्ति हेतु प्राप्त अनुशंसा एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ अंतर्गत मानव संसाधन नीति 2018 की कंडिका 33.5 एवं 34.3 अनुसार सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है।
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