0 11 लाख के मामले में सुसाइड नोट और वाइस रिकार्डिंग में सच बताया पास्टर ने अपनी मौत से पहले
कोरबा। कुसमुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम बाता निवासी पास्टर रमाशंकर पाटले ने खुदकुशी कर ली। उन्होंने आने जीवित काल मे दो लोगों को 11 लाख रूपया दिया था लेकिन दोनों व्यक्ति रुपए वापस नहीं लौटा रहे थे, जिससे परेशान होकर पास्टर ने आत्महत्या कर ली। खुदकुशी से पहले पास्टर ने एक सुसाइड नोट लिखा है और एक वॉइस रिकॉर्डिंग भी की है, जिससे पूरे मामले का खुलासा होता है।
जानकारी के मुताबिक पास्टर रमाशंकर पाटले ने कोरबा के शरद एस मसीह को 6 लाख रुपये और बांकीमोंगरा के रंजीत रात्रे को 5 लाख रुपये दे रखा था लेकिन दोनों ही रुपये वापस नहीं दे रहे थे। रंजीत रात्रे ने तो कटघोरा थाना में कथित रूप से पास्टर को बुलवाया, जहां उसे धमकाया और जेल भिजवा देने की धमकी भी दी व ऊंची पहुंच का हवाला दिया। शरद एस मसीह भी पैसा देने में आनाकानी कर रहा है। बताते हैं कि शरद एस मसीह पिछले कुछ माह से रायपुर जाकर रहने लगा है।
इतनी बड़ी रकम वापस नहीं मिलने से पास्टर रमाशंकर पाटले परेशान और तनाव में थे। कथित रूप से इसी वजह से पास्टर ने गुरुवार को जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। शुक्रवार को उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस मामले में एक सुसाइड नोट मिला है, जिसे मृतक पास्टर रमाशंकर पाटले द्वारा लिखा गया बताया जा रहा है (इसकी पुष्टि शेष है)। हालांकि पास्टर की वाइस रिकार्डिंग उपलब्ध है, जो उन्होंने अपने परिचित एक वरिष्ठ अधिवक्ता को मृत्यु पूर्व भेजा है।
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