समझौता वार्ता विफल,16 की हड़ताल कायम

0 एटक नेता दीपेश मिश्रा ने दी जानकारी,सफल करने आव्हान

कोरबा। कोल इंडिया के विभिन्न अनुषंगी कंपनियों में 16फरवरी को हड़ताल के लिए दिए गए हड़ताल नोटिस पर समझौता वार्ता आज दिनांक 14 फरवरी को मुख्य श्रम आयुक्त का कार्यालय श्रमेव जयते भवन भवन द्वारका में आयोजित की गई ।‌
समझौता वार्ता में कोल इंडिया की ओर से कोल इंडिया मुख्यालय के महाप्रबंधक गौतम बनर्जी ,भारत सरकार के कोयला मंत्रालय की ओर से अवर सचिव अरविंद कुमार और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरि ,एचएमएस के राष्ट्रीय नेता एस डी त्यागी और इंटक के आर के नगर ने भाग लिया ।
श्रम विभाग की ओर से मुख्य श्रम आयुक्त रमीश तिरु के साथ क्षेत्रीय श्रम आयुक्त (केंद्रीय) मुख्यालय, ओ पी सिंह एवं सहायक श्रम आयुक्त (केंद्रीय) मुख्यालय , अमृतेश कुमार मौजूद थे । वार्ता में प्रवंधन की ओर से श्री बनर्जी द्वारा पांच पृष्ठ का मंतव्य दिया गया।ट्रेड यूनियनों की ओर से श्री विद्यासागर गिरी द्वारा 12 फरवरी को कोल इंडिया के अध्यक्ष द्वारा ट्रेड यूनियन के साथ द्विपक्षीय वेबीनार बैठक के निष्कर्ष को बताया गया एवं ट्रेड यूनियनों द्वारा 16 फरवरी के हड़ताल पर डटे रहने का संकल्प दुहराया गया।
हड़ताल नोटिस पर अपनी बातों को रखते हुए एटक के उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरि ने बताया की 16 फरवरी की हड़ताल कोल इंडिया और कोयला खदानों को बचाने, देश के राष्ट्रीय खनिज संपदाओं की निजी क्षेत्रों से मिलीभगत से लूट से हिफाजत करने , देश में आम जनता और राष्ट्रहित के खिलाफ सरकार द्वारा उठाए जा रहे कॉर्पोरेट पक्षी कदमों के खिलाफ, देश के सार्वजनिक क्षेत्र में संचित देश के आम जनता की संपत्ति को निजी क्षेत्रों को सौंपने से हिफाजत सहित देश के मजदूरों के वर्षों के संघर्ष से संचित और अर्जित श्रम अधिकार और श्रम कानून के हिफाजत और श्रमिको को पूंजी का गुलाम बनाने वाले चार श्रम संहिता को निरस्त करने, मजदूर विरोधी, किसान विरोधी, नौजवान विरोधी और जन विरोधी नीतियों को वापस लेने और देश के अन्नदाता किसानों को उनके फसलों का एमएसपी का कानून बनाने एवं उनके आंदोलन के बाद किए गए वादों को पूरा करने देश में जनतांत्रिक और मानवीय मूल्यों की हिफाजत के साथ देश का संविधान की रक्षा सहित राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर आयोजित है।
सरकार किसानों की मांग को मानने के बदले दिल्ली मार्च कर रहे किसानों पर जिस निर्दयतापूर्वक दिल्ली के बॉर्डर पर अश्रु गैस और रबड़ की गोलियों से हमला किया जा रहा है वह सरकार के किसान विरोधी जनतंत्र विरोधी कुकृत्यों का नमूना है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल से कोयला खदान राष्ट्रीयकरण के पूर्व तक कोयला उद्योग को निजी खनन कंपनियों ने बर्बाद किया और राष्ट्रीयकरण के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के कोल इंडिया की जो उपलब्धियां हैं और राष्ट्रहित में जो योगदान है उसको ध्वस्त कर निजी मुनाफाखोरों को कोयला क्षेत्र में घुसाने की साजिश के खिलाफ यह हड़ताल और आंदोलन है । कोयला मजदूर और कोई भी देशभक्त नागरिक इस नीतियों को स्वीकार नहीं करेगा।
इसलिए कोयला उद्योग सहित मजदूर हित, देश हित और राष्ट्रहित में प्रस्तावित 16फरवरी की हड़ताल पर जाने का हमलोग संकल्प दुहराते हैं।
एचएमएस के श्री एस डी त्यागी और आई एन टी यू सी के श्री आरके नागर ने भी कॉमरेड गिरि के बातों का समर्थन करते हुए हड़ताल में जाने के औचित्य को बताया।
वार्ता के बाद मुख्य श्रम आयुक्त द्वारा वार्ता के निष्कर्ष का एक मिनट्स बनाया गया जिसमें प्रबंधन और श्रमिक पक्ष की बातों को रखते हुए हड़ताल में शांति बनाए रखने और उद्योग हित से जुड़े मुद्दों पर सहयोग की अपील की गई ।वहीं श्रम पक्ष ने भी हड़ताल मे प्रबंधन पक्ष द्वारा किसी भी तरह का विंडिक्टिव कार्रवाई नहीं करने का अपील किया। इसी निष्कर्ष के साथ श्रम पक्षों ने हड़ताल में जाने के अपने पक्ष पर कायम रहने की स्थिति में समझौता वार्ता निष्फल करार दिया गया।
अब कोल इंडिया के सारे अनुशंगी कंपनियां में खनन, संप्रेषण एवं अनुरक्षण आदि कार्यों में हड़ताल सफल करने का आह्वान किया गया है। उक्त जानकारी एसईसीएल एटक के पदाधिकारी दीपेश मिश्रा ने दी है।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *