कोरबा। कोरबा जिले के विकासखंड व जनपद पाली अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगानाला की बर्खास्त सरपंच ने अपने 4 साल के कार्यकाल में कूटरचना की गाथा लिखी, सरकारी धन की जमकर बंदरबांट की। महिला सरपंच होने के बावजूद जनता की समस्याओं से कोई वास्ता नहीं रखा और न ही विकास कार्यों में रुचि दिखाई बल्कि शासन से प्राप्त राशि को कई कार्य बिना कराए गबन करती रही। गंभीर बात यह है कि उन्होंने 4 साल में मात्र एक ग्रामसभा की बैठक कराई, लेकिन कार्यों के प्रस्ताव बदस्तूर होते रहे।
डोंगानाला की सरपंच श्रीमती पत्रिका खुरसेंगा के विरुद्ध पंचगण एवं ग्रामवासियों के द्वारा पंचायत में हुए अनियमितताओं की शिकायत पर जांच कराई गई थी। संयुक्त टीम ने कुल 20 लाख 69 हजार 933 रुपए का नियम विपरीत भुगतान पाया। किसी भी प्रकार के प्रस्ताव अनुमोदन इस भुगतान के लिए नहीं हैं। 14वें एवं 15वें वित्त आयोग में मानक के विपरीत भुगतान करना पाया गया जिसमें एसडीओ आरईएस उपसंभाग पाली से सत्यापन का भी अभाव मिला। इस मामले में तत्कालीन सचिव रामकुमार टेकाम, सचिव अजय कुर्रे की भी लापरवाही जांच में उजागर हुई है। पाली एसडीएम रुचि शार्दुल के न्यायालय से पारित आदेश के अनुसार वर्ष- 2020-21 के लिए सरपंच श्रीमती पत्रिका खुरसेंगा व तत्कालीन सचिव रामकुमार टेकाम से 9 लाख 63 हजार 300 रुपए, वर्ष 2021-22 के लिए सरपंच एवं तत्कालीन सचिव अजय कुर्रे से 9 लाख 6 हजार 633 रुपए तथा वर्ष 2022-23 के लिए सरपंच एवं तत्कालीन सचिव जगदीश टेकाम से कुल 2 लाख रुपए को मिलाकर कुल 20 लाख 69 हजार 933 रुपए की वसूली होगी। कुल राशि का आधा-आधा हिस्सा सरपंच और संबंधित सचिव से वसूला जाएगा।
0 संयुक्त जांच में उजागर हुआ भ्र्ष्टाचार
डोंगानाला पंंचायत में ग्रामसभा 4 जनवरी 2021, 3 नवंबर 2021 को स्थगित, 4 अगस्त 2022 में दो प्रस्ताव का जिक्र किया। 7 अक्टूबर 2021 की ग्रामसभा में पंजी के नीचे कार्रवाई में 7 फरवरी 2021 लिखा गया जिसे जांच दल ने संदेहास्पद पाया। ग्राम सभा की कार्रवाई में आम जनता को आय-व्यय की जानकारी, हितग्राहीमूलक जानकारी, निर्माण कार्यों की जानकारी नहीं दी गई।
ग्राम पंचायत की मासिक बैठक 4 साल में सिर्फ दो बार हुई। 23 नवंबर 2021 को 7 पंचों की उपस्थिति में 10 प्रस्ताव तथा 22 फरवरी 2022 की बैठक में 18 प्रस्ताव पारित किए गए। इसी तरह 20 जून 2022, 18 अक्टूबर 2022 में बैठक हुई। 22 फरवरी को बैठक में सुघ्घर हटरी निर्माण के लिए 4 लाख 58 हजार रुपए, मंच निर्माण के लिए 76 हजार, माध्यमिक शाला में रनिंग मोटर के लिए 80 हजार 934 रुपए, प्राथमिक शाला डोंगानाला में रनिंग वाटर हेतु 74 हजार 685 रुपए, माध्यमिक शाला मांझीपारा के लिए 70 हजार 650 रुपए, प्राथमिक शाला गणेशपुर के लिए 72 हजार 600 रुपए का प्रस्ताव पारित किया गया किन्तु इसके बाद राशि आहरण का कोई प्रस्ताव पारित नहीं है तथा आय-व्यय की जानकारी भी उप सरपंच/पंचों को नहीं दी गई।
चारागाह में बोर खुदाई के नाम पर 14वें वित्त की राशि से 1 लाख 59 हजार 500 रुपए का भुगतान 29 जुलाई 2020 को किया गया किन्तु इसका कोई दस्तावेज नहीं मिला ताकि सत्यापन हो सके। 1 लाख 67 हजार 500 रुपए की लागत से चबूतरा निर्माण के नाम पर 14वें वित्त से भुगतान किया गया किन्तु पंचों व ग्रामीणों के अनुसार गौठान में मनरेगा से चबूतरा निर्माण स्वीकृत किया गया है। 14वें वित्त से गणेशपुर से करतली तक डब्ल्यूबीएम रोड निर्माण के लिए अलग-अलग तिथियों में कुल 6 लाख 36 हजार 300 रुपए व्यय करना बताया गया किन्तु इसका कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं होने से सत्यापन नहीं हुआ। ग्रामीणों व पंचों के मुताबिक इस सडक़ के लिए जिला खनिज न्यास मद के 16 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे और सडक़ के नाम पर 14वें वित्त से व्यय फर्जी भुगतान है।
चारागाह गौठान में बोर खनन तथा गौठान में तार फेंसिंग के नाम पर कुल 6 लाख 20 हजार रुपए का भुगतान किया गया। उक्त राशि को दोबारा भुगतान करने का आरोप लगाया गया। जांच टीम को स्थल निरीक्षण में चारागाह व गौठान में एक-एक बोर खनन ही मिला। उक्त कार्य का स्टीमेंट व मूल्यांकन पंजी उपलब्ध नहीं मिला।
15वें वित्त से सरपंच पत्रिका व सचिव के द्वारा कम्युनिटी ऑफ मेंटनेंस के नाम पर 1 लाख 25 हजार रुपए, शौचालय निर्माण के नाम पर कुल 60 हजार रुपए, तार फेंसिंग के नाम पर 98 हजार 633 रुपए का भुगतान किया गया है जबकि ग्रामीण व पंचों के मुताबिक पंचायत में कोई भी भवन मरम्मत कार्य नहीं कराया गया, शौचालय मरम्मत नहीं कराया। स्वच्छ भारत मिशन से ग्राम गणेशपुर में कार्य कराया गया। जांच टीम को भी पंचायत में कोई भी भवन की मरम्मत होना नहीं पाया गया।
15वें वित्त से गणेशपुर से सडक़ मरम्मत के नाम पर 1 लाख रुपए का भुगतान किया गया है जबकि गणेशपुर में कोई भी पचरी निर्माण और सडक़ मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया है। अन्य मद से निर्मित नाली, अहाता का निर्माण गुणवत्ताहीन पाया गया।
0 जांच में अनुपस्थित रहे सरपंच- सचिव
इस पूरे प्रकरण में शिकायत की जांच के दौरान डोंगानाला की सरपंच पत्रिका खुरसेंगा और सचिव जगदीश सिंह टेकाम ने गंभीरता नहीं दिखाई। पंचायत का कोई भी रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किया। एसडीएम कार्यालय से प्राप्त अधूरा रिकार्ड एवं पंचायत के बैंक पासबुक व ऑनलाइन भुगतान से ही जांच कार्य संपन्न किया गया। पूर्व सूचना के बाद भी सरपंच व सचिव अनुपस्थित रहे। यहां तक कि सरपंच को न्यायालय द्वारा तलब किए जाने के बाद भी वे अनुपस्थित ही रहीं।
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