0 DMF से स्वीकृत हुए कार्य अप्रारंभ, भुगत रही जनता
कोरबा। ग्रामीण क्षेत्रों में कराये जाने वाले विकास कार्यों को लेकर विभागीय अधिकारी कितने संजीदा हैं, यह उनकी नोटिस-नोटिस की कार्यशैली से पता चलता है। जनता की तरफ से बार-बार उठने वाली मांगों को बड़ी मुश्किल से तवज्जो और स्वीकृति मिलती है और राशि भी जारी हो जाती है लेकिन इसका अग्रिम भुगतान प्राप्त करने के बाद कार्यों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है। फलस्वरूप जनता को उस कार्य के होने से मिलने वाले लाभ के लिए न सिर्फ वंचित रहना पड़ता है बल्कि समस्या जस की तस रहती है और सरकार का पैसा भी गबन हो जाता है। ऐसे मामलों में अधिकारी नोटिस जारी कर चुप्पी साध लेते हैं तो उनकी कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है।
इस तरह के मामले कोरबा जिले में सैकड़ों देखे जा सकते हैं जिसमें सरपंच/सचिव ने स्वीकृत कार्य की 40 प्रतिशत राशि आहरण तो कर लिया लेकिन कार्य का अता-पता महीनों-वर्षों से नहीं है। निर्माण कार्य के लिए दिखावे के तौर पर गिरवायी गयी सामाग्रियां या तो चोरों की भेंट चढ़ गईं या फिर मटेरियल के नाम फर्जीवाड़ा किया गया है।

0 4 साल पहले स्वीकृत कार्य अब तक शुरू नहीं

इसी तरह के मामले में ग्राम पंचायत करतला के पातालपाली मार्ग में पुलिया हेतु जनपद पंचायत करतला द्वारा पुलिया निर्माण कार्य के लिए कलेक्टर के आदेश उपरांत जिला खनिज संस्थान न्यास मद से 10 लाख रुपए स्वीकृत किया गया था। 28 नवंबर 2020 को स्वीकृत कार्य के तहत पातालपाली मार्ग में सुखसिंह के खेत के पास पुलिया निर्माण हेतु तात्कालीन सरपंच को जनपद पंचायत द्वारा 4 लाख प्रदाय किया गया किन्तु दो साल बाद भी कार्य अप्रारंभ रहा। स्थल पर सामाग्री गिरायी गयी किन्तु पंचायत ने कार्य प्रारंभ नहीं कराया जिससे सचिव/पूर्व सरपंच के पास 4 लाख रुपए बकाया है। आरईएस उप संभाग करतला के एसडीओ द्वारा सचिव/सरपंच के विरुद्ध धारा 92 की कार्यवाही हेतु सितंबर 2022 में जनपद सीईओ करतला को पत्र लिखा गया किन्तु आज पर्यंत भी स्थिति जस की तस है।
0 बांसाखर्रा मार्ग में नहीं बनी पुलिया  

करतला जनपद क्षेत्र में ही जिला खनिज न्यास मद से वर्ष 2020-21 में मयाराम के खेत से बांसाखर्रा मार्ग पर 10 लाख रुपए की लागत से पुलिया निर्माण की स्वीकृति हुई थी। स्वीकृति के आधार पर उप यंत्री द्वारा 23 दिसंबर 2020 को ले-आऊट देने उपरांत जनपद कार्यालय द्वारा 4 लाख रुपए किश्त की राशि 30 दिसंबर को चेक के माध्यम से भुगतान किया गया। उप अभियंता की टीप के अनुसार 6 अप्रैल 2023 की स्थिति में भी कार्य बंद पाया गया और आज पर्यंत यहां कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। जनपद सीईओ द्वारा सरपंच, सचिव को अंतिम नोटिस वर्ष-2023 में जारी की गई लेकिन इसके बाद भी न तो निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया और न ही 4 लाख रुपए का भुगतान लौटाया गया है।


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