0 कालोनियों में साफ-सफाई का अभाव निरन्तर बना है
0 नोड्यूज के बाद भी भुगतान रोका जा रहा
0 अपने कामगारों की कल्याणकारी योजनाओं को बाधित करने में जुटा है प्रबंधन
कोरबा। एसईसीएल कोरबा क्षेत्र में कार्यरत कुछ अधिकारियों के द्वारा कामगारों के तमाम कल्याणकारी योजनाओं को साजिश के तहत बाधित किया जा रहा है। मुख्यालय से स्वीकृत कार्य की फाइल को भी रोकने की मनमानी की गई है।
एसईसीएल कोरबा एरिया के कुछ अधिकारियों ने मिलकर श्रमिकों सहित उनके परिवार को भी असुरक्षित कर दिया है। बांकी, सुराकछार तथा बलगी के आवासीय कालोनियों मे लगभग 2900 क्वार्टर हंै जिनका 5 वर्ष पहले डिसेंट हाउस स्कीम के तहत मरम्मतीकरण हुआ था जिसके चलते वायरिंग सिस्टम में खराबी आ गई थी परंतु फंड के अभाव के चलते उन आवासों का रिवायरिंग नहीं किया गया था, जबकि आवासों के मरम्मत के समय के रिवायरिंग जरूरी था। प्रबंधन ने उसे अनदेखा किया जिसका नतीजा सभी 2900 आवासों में विद्युत शक्ति प्रणाली असुरक्षित हो गई थी। कभी भी शॉर्ट सर्किट के तहत जान माल का नुकसान हो सकता था इसे भांपते हुए संबंधित अधिकारियों ने सभी आवासों में नए सिरे से रिवायरिंग के लिए एसईसीएल मुख्यालय में प्रस्ताव भेजा। मुख्यालय ने रिवायरिंग के प्रस्ताव को स्वीकृत कर कोरबा एरिया प्रबंधन को 8 माह पूर्व भेज दिया परंतु कुछ सक्षम अधिकारियों ने फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया हैं।
0 घर की नाली पैसा देकर साफ कराते हैं एपीएम
श्रमिक नेता दीपेश मिश्रा ने बताया कि कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत जितनी भी इकाईयां हैं, उनके आवासीय कॉलोनी की हालात भी बहुत ही दयनीय है। तमाम नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। सिविल विभाग द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधन से असहयोग की बात कही जाती है और जरूरी रकम मुहैया नहीं कराते। एटक ने 15 मई 2024 को इस मसले को सिविल प्रमुख के समक्ष रखा था तब उसमें क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक एस.के.पी.शिंदे ने कहा कि मैं भी अपने घर की नाली को खुद पैसा देकर साफ करवाता हूं। क्षेत्रीय सिविल प्रमुख भानु सिंह खामोश रहे।
0 सीएमपीएफ और ग्रेच्युटी भी रोका है
प्रबंधन के कुछ गैर जिम्मेदार अधिकारी मेहनतकश कामगारों के हकों को सीधे नुकसान पंहुचाने पर तुले हैं। कामगारों के तमाम वैधानिक भुगतान को जानबूझकर कुछ अधिकारी रोकने का काम कर रहे हैं। नो ड्यूज जमा करने के बावजूद रिटायर्ड या त्यागपत्र देने वाले कामगारों का सी.एम.पी.एफ एवं उपदान (ग्रेच्युटी) भुगतान जबरन रोका जा रहा है जबकि निदेशक कार्मिक एसईसीएल का निर्देश है कि 30 दिन के अंदर ग्रेच्युटी भुगतान करना है परंतु क्षेत्रीय प्रबंधन को इससे कोई लेना-देना नहीं है। दीपेश मिश्रा ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि एटक मजदूर विरोधी रवैया बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रबंधन बांकी, सुराकछार व बलगी के 2900 आवासों में तुरंत रिवायरिंग कराए तथा सभी इकाईयों के आवासीय कॉलोनी में सिविल से जुड़े कार्य को करे तथा रिटायर्ड या त्यागपत्र देने वाले कामगारों का कानूनी बकाया रकम का तुरंत भुगतान करे अन्यथा श्रम संगठन सीधी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगा।
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