0 मुआवजा आबंटन में भूमिका संदिग्ध,हुआ है गड़बड़झाला
कोरबा। एसईसीएल दीपका क्षेत्र के भू राजस्व (नोडल) अधिकारी को अंग्रेजी नहीं आती। यह खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी पर हुआ है। उन्होंने यह बहाना क्यों बनाया,इसकी पड़ताल होनी चाहिए। तो क्या अब तक के अन्य rti के आवेदन हिंदी में ही उन्होंने स्वीकार किये हैं और जवाब दिया जाता रहा है,अब यह जांच का विषय हो गया है।
इस मामले को लेकर कोयलांचल दीपका में चर्चा हो रही है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी जानकारी न देने और अपने आर्थिक भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए यह कर रहे हैं।
आवेदन में जन सूचना अधिकारी द्वारा सूचना उपलब्ध कराने के बजाय यह कहा गया कि आवेदक द्वारा किए गए आवेदन की भाषा अंग्रेजी है जिसे समझा नही जा सकता है । आवेदन मातृ भाषा में ही करें। तो क्या वे अब तक सारे काम मातृ भाषा में ही करते आये हैं…? जबकि केंद्रीय पोर्टल केवल अंग्रेजी भाषा में ही आवेदन स्वीकार करता है और एसईसीएल के लगभग सभी क्षेत्रों में अंग्रेजी भाषा में ही पत्राचार किया जाता है, चाहे वह किसी भी आदेश की कॉपी हो,स्थानांतरण व नियुक्ति हो अथवा रिटायरमेंट की सूचना।
0 मुआवजा में बड़ी गड़बड़ी की आशंका
ग्राम मलगांव के मुआवजा आबंटन में करोड़ों का भ्रष्टाचार भू राजस्व विभाग के नोडल अधिकारी के नाक के नीचे किया गया है।
इस मामले के आवेदक शेत मसीह ने बताया कि दीपका खदान विस्तार हेतु ग्राम मलगांव में अधिग्रहण में मुआवजा निर्धारण/वितरण का कार्य किया जा रहा है । ऐसे में भू राजस्व विभाग के अधिकारियों ने फर्जी नामों से कई करोड़ों रुपए का मुआवजा अपने परिचितों के नाम से बनवाया हुआ है। ग्राम मलगांव में ही 1631 लोगों का मुआवजा बनवाने हेतु पात्र बनवाया गया है जबकि ग्राम मालगांव में कुल मतदाता ही 1307 हैं। आवेदक ने जानकारी दी की एक-एक परिवार के 10–10 लोगों के नाम से फर्जी मुआवजा बनवाया गया है। हद तो ये हो गई है की 7 साल की बच्ची के नाम से भी नापी करके पावती प्रदान की गई है और मुआवजा देने हेतु पात्र घोषित किया गया है। भू राजस्व के नोडल अधिकारी को जब ये समझ आया कि मलगांव की जनता को उनके भ्रष्टाचार की जानकारी हो चुकी है तो उन्होंने बगैर घर तुड़वाए ही अपने परिचितों और फर्जी लोगों का मुआवजा निकलवा लिया है। शेत मसीह ने जानकारी दी की संबंधित विभाग में जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत भू राजस्व विभाग दीपका एस ई सी एल से जानकारी मांगी गई थी जिसका जवाब देने से बचने के लिए नोडल अधिकारी मधुर ने जवाब दिया है की उन्हें अंग्रेजी समझ नही आती है कृपया आवेदन मातृभाषा में करें।
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