बिलासपुर। 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई फिल्म में जिस तरह अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की जोड़ी देखने को मिली थी ठीक इसी तरह बिलासपुर के जिला मजिस्ट्रेट अवनीश कुमार और पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह की ये तस्वीरें ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘शोले’ की मशहूर जोड़ी जय और वीरू की याद दिलाती है। इस जोड़ी को राज्य की “न्यायधानी” बिलासपुर में एक साथ कैमरे में कैद किया गया है।
अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की हिट फिल्म “शोले” में जय और वीरू की दोस्ती न सिर्फ रील लाइफ बल्कि रियल लाइफ में भी मशहूर है। इसे दोस्ती की मिसाल के रूप में भी लिया जाता है। रुपहले पर्दे की इस जोड़ी की तरह आम जीवन में भी कई लोग अपनी दोस्ती के कारण मशहूर हो रहे हैं।
कुछ इसी तरह की जोड़ी छत्तीसगढ़ की न्याय और संस्कारधानी बिलासपुर में प्रचलित हो रही है। 2009 बैच के आईएएस अधिकारी कलेक्टर अवनीश कुमार शरण और 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के बीच रियल टाइम बॉन्डिंग को छत्तीसगढ़ में सबसे सफल नौकरशाह संबंधों में से एक माना जाता है। इनके एक-दूसरे के प्रति स्नेह और समझ ने उन्हें बहुत अच्छा दोस्त भी बना दिया है। वे दोनों संयुक्त बैठकों से लेकर सेमिनारों तक, कानून व्यवस्था की समीक्षा से लेकर सार्वजनिक अभिनंदन तक साथ नजर आते हैं। बिलासपुर के इन दो तेजतर्रार अफसरों के बीच घनिष्ठता ने पूरे जिले और सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना दिया है। लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या उनकी टीम के प्रयास से बिलासपुर जिले के तथाकथित गब्बरों के खिलाफ कानून का पालन करने वाले नागरिकों के बीच समान प्रभाव पैदा हो पायेगा?उनके असाधारण संबंधों के कारण कई दुर्दांत अपराधी पहले ही अपने गलत कामों को छोड़ चुके हैं, जबकि कई खुद को बचाने के लिए भाग-दौड़ कर रहे हैं।
एक अवसर में पूछे जाने पर कलेक्टर और एसपी दोनों ने उल्लेख किया है कि, हर “जय” को “वीरू” की जरूरत होती है। इनको साथ देखकर जुबां पर अनायास शोले फ़िल्म का ये गीत आ ही जाता है….ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे/( तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे….मेरी जीत तेरी जीत, तेरी हार मेरी हार सुन ऐ मेरे यार.. तेरा गम मेरा गम,तेरी जान मेरी जान, ऐसा अपना प्यार खाना-पीना साथ है, मरना-जीना साथ है सारी जिंदगी ये दोस्ती…)
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