कोरबा। जिले में विभिन्न आबादी क्षेत्रों में संचालित हो रहे शराब दुकान के कारण आम लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। खासकर महिलाओं और युवतियों के लिए आबादी क्षेत्र की यह शराब दुकानें अपमान का कारण भी बन रहे हैं। कई इलाकों में मुख्य मार्ग पर शराब दुकान होने के कारण महिलाओं और युवतियों का गुजरना भी मुश्किल होने लगता है क्योंकि शराबियों के द्वारा की जाने वाली छींटाकशी और उनके जमघट लगने से तथा कई बार तो शराब दुकान के सामने ही या आसपास में जाम छलकाने से असुरक्षा का भाव उत्पन्न हो जाता है।
इसी कड़ी में नगर पालिक निगम क्षेत्र अंतर्गत शारदा विहार, मुड़ापार, रामनगर, अमरैया पारा जैसे आबादी इलाके से लगे क्षेत्र में संचालित शराब दुकानों को लेकर प्रशासन से शिकायत की गई है कि शराब दुकानों को यहां से हटाकर गैर आबादी क्षेत्र में आबादी क्षेत्र से बाहर संचालित किया जाय। इस संबंध में क्षेत्र की महिलाओं व शांति पसन्द लोगों ने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के पदाधिकारियों से भी आग्रह किया है कि वह इस मामले में आवश्यक पहल करें।
बताया गया कि विधायक और मंत्री लखन लाल देवांगन सहित कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के पास फरियाद लेकर जा चुके हैं, आज तक आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ तब जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के कोरबा शहर अध्यक्ष हरि चौहान, जिला उपाध्यक्ष संजीव गोस्वामी, जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री सुरेन्द्र राठौर, जिला अध्यक्ष जैनेन्द्र कुर्रे, छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना जिला अध्यक्ष सुरजीत सोनी, दीपका जेसीपी अध्यक्ष लाला साहू, राकेश यादव से क्षेत्र की महिलाओं ने अपनी बात रखी और इन्होंने सहयोग करने का आश्वासन बैठक में दिया है।
0 कोरबा शहर के बीच शराब दुकान व्यापारियों का सिरदर्द
कोरबा पुराना शहर में संचालित हो रहा शराब दुकान यहां के व्यापारियों के साथ-साथ ग्राहकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। व्यापारी भीतर ही भीतर उद्वेलित जरूर हैं लेकिन अपना आक्रोश व्यावसायिक और व्यवहारिक कारणों से प्रकट नहीं कर पा रहे हैं। इनकी लंबे समय से मांग है कि यहां से शराब दुकान हटाया जाना चाहिए क्योंकि इसके कारण उनके व्यापार पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। शराब दुकान के सामने और आसपास संचालित दुकानों में महिलाएं आने से कतराती हैं। दुकानों में कार्यरत महिला स्टाफ के लिए भी आने-जाने में असुविधा होती है। शराब खरीदने के लिए आने वाले कई लोग अभद्र टिप्पणी और गाली गलौज से एक दूसरे से बात करते हैं,सम्बोधित करते हैं जिससे कई बार माहौल असमान्य हो चुका है। इनकी छींटाकशी के कारण विवाद की स्थिति भी निर्मित हो चुकी है और एक-दो शराबियों की तो पिटाई भी की गई है। हालांकि इस तरह के मामले पुलिस तक नहीं पहुंचे हैं लेकिन शराब दुकान को हटाने की मांग लगातार बनी हुई है। व्यापारियों सहित आम लोगों का कहना है कि इस तरह से शहर के बीच शराब दुकानों का संचालन होना ही नहीं चाहिए।
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