कोरबा। कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड अंतर्गत चोटिया में बालको वेदान्ता द्वारा संचालित हो रही कोयला खदान बन्द हो गई है। पूरा कोयला खनन के बाद अब खदान को सरेंडर करने की प्रक्रिया जारी है। इस कड़ी में प्रबंधन के द्वारा विभिन्न संबंधित विभागों में क्लोजर आवेदन दिए जा रहे हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि अब यहां से कोयला संबंधी किसी भी तरह की गतिविधियों/अवैध गतिविधियों के लिए बालको प्रबंधन जवाबदार नहीं होगा। प्रबंधन की ओर से बताया गया कि सरेंडर प्रोसेस में है। आगामी नीलामी में जिसे भी कोल ब्लॉक का आबंटन होगा, उसके द्वारा संचालन किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक ग्राम सलईगोट में संचालित चोटिया-2 कोल माइंस में निर्धारित कोयला का उत्खनन बालको प्रबंधन के द्वारा कर लिया गया है। अब पूरी मात्रा निकालने के बाद सरकार को पत्र लिखकर खदान को विधिवत सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब तीसरे चरण में फिर से नीलामी होगी। जानकार बताते हैं कि खनन क्षेत्र नदी के निकट आ जाने के कारण अब अगले चरण में जिसे भी कोल ब्लॉक आबंटन होगा, उसके द्वारा भूमिगत खदान से कोयला खनन किया जाएगा। प्रबंधन के द्वारा खनिज विभाग, वन विभाग सहित सभी संबंधित विभागों को डिस्क्लोजर आवेदन दिया गया है। यहाँ नियोजित कर्मियों के बारे में अभी कुछ तय नहीं है।
गौरतलब है कि बालको को एल्युमिनियम उत्पादन व उत्पादों के निर्माण के लिए बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए बालको के 600 मेगावॉट कैप्टिव पावर प्लांट को कोयला आपूर्ति हेतु कोल ब्लॉक चोटिया-1 और चोटिया-2 आबंटित किए गए थे। यह ब्लॉक पहले प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड पीआईएल चाम्पा को आबंटित थी। वर्ष-2003 से चोटिया कोल ब्लॉक पीआईएल के पास था। मार्च 2015 में बालको वेदान्ता समूह ने सर्वोच्च बोली लगा कर चोटिया कोल ब्लॉक अपने नाम किया। कुछ कानूनी अड़चनों को दूर करते हुए वर्ष 2018 से बालको ने चोटिया-2 से खनन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति व अन्य अनुमति प्राप्त कर उत्खनन प्रारंभ किया था।
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