0 टेंडर्स में अफसरों को सीधे 40 फीसदी रकम पहुंचाई गई
रायपुर/कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में किये गए जिला खनिज संस्थान न्यास राशि (डीएमएफ) घोटाले के मामले में कोरबा जिले की तत्कालीन कलेक्टर रहीं आईएएस रानू साहू समेत इसमें शामिल 10 लोग नामजद आरोपी बनाए गए हैं। रानू साहू सहित कारोबारी संजय शेंडे, अशोक अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, रिषभ सोनी समेत बिचौलियों की भूमिका निभाने वाले मनोज द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहु, अब्दुल और शेखर समेत अन्य लोक सेवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। डीएमएफ मामले में IAS रानू साहू के खिलाफ नामजद FIR हैं।
बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस कार्यकाल में कोरबा जिले में डीएमएफ के पैसों का बड़े पैमाने पर बंदरबांट की शिकायत मिली थी। मामले में जांच के बाद अब ED की शिकायत पर EOW ने जो मामले दर्ज किए हैं, उसके मुताबिक इस अनियमितता में तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू समेत अनेक विभागीय अफसर भी संलिप्त हैं। शिकायत के मुताबिक कई टेंडर्स में अफसरों को सीधे-सीधे 40 फीसदी रकम पहुंचाई गई है।
ईडी के प्रतिवेदन रिपोर्ट के आधार पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने अपराध क्रमांक-02/2024 धारा 120बी, 420 भादवि एवं धारा-7, धारा-12 के तहत् मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायत के मुताबिक, कोरबा में तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू के साथ उनके मातहत अफसरों ने निविदा भरने वाले के साथ सांठगांठ की थी। डीएमएफ के पैसों से कराए जाने वाले कामों की निविदाओं के आबंटन में, बिल पास कराने के लिए, सामानों के वास्तविक मूल्य से कई गुना ज्यादा दाम के बिल पास किए गए।
शिकायत में जिन ठेकेदारों पर अफसरों को लाभ पहुंचाने की शिकायत है, उनमें संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल, शेखर के नाम शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक कोरबा जिले में DMF से टेंडर्स के आंबटन में बड़े पैमाने पर पैसों का लेन-देन हुआ है। गलत ढंग से टेंडर की दरें तय कर ठेकेदारों को सीधे लाभ पहुंचाया गया, जिसके कारण प्रदेश शासन को बड़ी आर्थिक हानि हुई है।
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