0 परिवाद में आदेश पर पुलिस ने दर्ज की दो लोगों पर एफआईआर
कोरबा। पहले फर्जी आदिवासी बनकर, दूसरे को खड़ा कराकर छलपूर्वक जमीन खरीदने और फिर न्यायालय को भी गुमराह करते हुए किसी और को उपस्थित करा कर आदेश व डिक्री पारित कराने के मामले में कार्रवाई हेतु दायर परिवाद पर न्यायालय के आदेश उपरांत दो लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
जानकारी के अनुसार इस मामले में थाना श्यांग अंतर्गत ग्राम गिरारी निवासी प्रार्थी चैतराम पिता स्व. रामचरण कंवर 68 वर्ष ने न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, कोरबा के समक्ष धारा 156 (3) के तहत परिवाद प्रस्तुत किया। उसने बताया कि पूर्व में थाना रामपुर एवं पुलिस अधीक्षक को किये गये शिकायत पत्र पर कोई कार्रवार्ई नहीं हुई। चैतराम कंवर के नाम पर ग्राम रजगामार में खसरा क्रमांक 150, 176, 179, 181, 115, 137, 163, 218, 299 रकबा 0.30, 1.16, 0.95, 2.22, 1.67, 1.22, 0.34, 0.38 एकड़ भूमि स्थित है। पिता की मृत्यु के बाद ग्राम रजगामार स्थित भूमि खसरा क्रमांक 115 रकबा 2.22 संशोधन क्रमांक 125 दिनांक 04/05/1979 के माध्यम से परिवादी चैतराम के नाम पर राजस्व अभिलेख में दर्ज हुई। 18/02/1991 को ग्राम रजगामार स्थित भूमि खसरा क्रमांक 115 रकबा 2.22 एकड़ को आरोपीगण थानसिंह पिता पुजेरी गोंड़ 59 वर्ष व श्रीमती सीता पति सत्यनारायण ब्राम्हण दोनों निवासी ग्राम ओमपुर, पुलिस चौकी रजगामार के द्वारा आपसी षडय़ंत्र कर आवेदक चैतराम के बिना जानकारी व बिना उपस्थिति के उप-पंजीयक कार्यालय में पंजीकृत विक्रय विलेख निष्पादित कर उक्त अवैध ढंग से अपने नाम पर दर्ज करवा लिया गया है, तथा उक्त पंजीकृत विक्रय पत्र में आवेदक कभी उपस्थित होकर अंगूठा निशान नहीं लगाया था बल्कि अभियुक्तगण के द्वारा एक साजिश के तहत आवेदक के स्थान पर अन्य अज्ञात व्यक्ति को खड़े कर निष्पादित करवा लिया गया। अपना वास्तविक जाति को छिपाकर पंजीकृत विक्रय पत्र में गोड़ जाति उल्लेख किया गया। इसके बाद उक्त भूमि अनेकों व्यक्तियों के पास विक्रय कर अंतरण कर दिया गया।
0 न्यायालय में किसी और को खड़ा कर निर्णय व डिक्री हासिल किया
इसी प्रकार ग्राम रजगामार स्थित खसरा नम्बर 179 रकबा 1.16, खसरा नम्बर 179 रकबा 1.64, खसरा नम्बर 181 रकबा 0.95, खसरा नम्बर 137 रकबा 1.67, खसरा नम्बर 163 रकबा 1.22, खसरा नम्बर 218 रकबा 0.34, खसरा नम्बर 299 रकबा 0.38, खसरा नम्बर 150 रकबा 0.30 कुल खसरा नम्बर 8, कुल रकबा 7.66 एकड़ 150, 176, 181, 137, 163, 218, 299 रकबा 0.30, 1.16, 0.95, 2.22, 1.67, 1.22,0.34,0.38 एकड़ भूमि जो आवेदक के हक अधिपत्य की भूमि रही, के संबंध में आरोपी थान सिंह गोंड़ के द्वारा अवैध ढंग से षडय़ंत्र पूर्वक व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 कोरबा के प्रकरण क्रमांक 55ए/1993 में अपने पक्ष में निर्णय व डिक्री हासिल कर लिया गया। उक्त प्रकरण में आवेदक चैतराम कभी भी न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ था और ना ही अधिवक्ता नियुक्त किया था, ना ही जवाब/जवाबदावा प्रस्तुत किया था, ना ही शपथपूर्वक कथन दर्ज करवाया था। अन्य अज्ञात व्यक्ति को खड़ा कर न्यायालय के सम्पूर्ण कार्यवाही व संचालन में करवाया गया है। उक्त प्रकरण में न्यायालय के आदेश उपरांत आरोपी थान सिंह गोंड़ व श्रीमती सीता ब्राम्हण के विरुद्ध धारा 193, 204, 420, 467, 468, 471 एवं 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है।
KORBA:आदिवासी और कोर्ट से धोखाधड़ी,बिना गए रजिस्ट्री व फैसला भी हो गया
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