कोरबा। कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में ऐतमानगर वन परिक्षेत्र के ग्राम कोनकोना में ट्रेंकुलाइज किए गए तेंदुए की मौत हो गई है। बीमार तेंदुआ को इलाज के लिए वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर ट्रेंकुलाइज किया था। तेंदुए को बेहोश अवस्था में पिंजरे में डाल कर कटघोरा वन मंडल के कसनिया डिपो में रखा गया था। यहां कानन पेंडारी बिलासपुर के पशु चिकित्सक डॉक्टर चंदन अपनी टीम के साथ तेंदुए का इलाज कर रहे थे। रविवार रात करीब 9:30 बजे तेंदुए को कानन पेंडारी शिफ्ट कर दिया गया। बताया जा रहा है कि यहां देर रात को तेंदुए ने दम तोड़ दिया।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेज गर्मी की वजह से तेंदुआ हीट स्ट्रोक का शिकार हो गया है। हालांकि इलाज के दौरान मैन एक्जाइटिस की बीमारी से ग्रसित होना भी पाया गया,जो भी मौत की वजह हो सकती है। वन विभाग के अफसर का कहना है कि पांच साल का तेंदुआ वयस्क था। काफी सुस्त होने की वजह से उसके शिकार की आशंका थी। साथ ही इलाज करना आवश्यक था इसलिए तेंदुआ का रेस्क्यू किया गया था। यह बताना होगा कि कोनकोना के जंगल में तेंदुआ को खेत में सुस्त हालत में टहलते रविवार की सुबह ग्रामीणों ने देखा था। इससे करीब आठ दिन पहले चैतमा वन परिक्षेत्र के राहा में बछड़े का शिकार किए जाने से नाराज एक किसान ने जहर देकर तेंदुए को डाला था। इस मामले में पिता-पुत्र और समधी को गिरफ्तार कर चुके हैं लेकिन तेंदुए का अंग काट कर ले जाने वाले आरोपी को अब तक नहीं पकड़ा जा सका है। इस बीच तेंदुए की मौत की यह दूसरी घटना हो गई है। ट्रेंकुलाइज के बाद तेंदुए की हुई मौत से कई सवाल उठ रहे हैं। इससे भी बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि तेंदुए की पाली के जंगल में आमदरफ्त होने के संबंध में वन अमले को किसी प्रकार की जानकारी इस बार भी नहीं हो पाई। ग्रामीणों के माध्यम से ही उन्हें पहले भी पता चला था और इस बार भी जानकारी प्राप्त हुई थी।
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