KORBA:वन अमले की नाकामी ने चीतल की जान ली

0 आवारा कुत्तों के हमले में नर चीतल की मौत, पानी पीने पहुँचा था गांव के तालाब

कोरबा-पाली। जंगल में पानी और चारे की कमी के कारण वन्य जीव जंगल से निकल कर रिहाइशी बस्ती, गांवों में पहुँचने लगे हैं. ऐसे ही एक नर चीतल आज सुबह तालाब में अपनी क्षुधा शांत कर रहा था जिस पर आवारा कुत्तों की नजर पड़ गई और कुत्तों ने दौड़ा कर मार डाला.
पाली वन परिक्षेत्र के अंतर्गत छिदपानी के जंगल से निकल कर आज सुबह लगभग 8 बजे एक नर चीतल (उम्र -लगभग 5 वर्ष) गांव के तालाब में पानी पीने पहुंचा था जिसे गांव के आवारा कुत्तों के द्वारा दौड़ा कर बुरी तरह घायल कर दिया। नहाने पहुंचे ग्रामीणों के द्वारा नर चीतल को कुत्तों से जब तक बचाया जाता, उसकी मौत हो गई. ग्रामीणों ने कुत्तों को भगा कर इसकी सूचना वन विभाग को दी. जिस पर रेंजर संजय लकड़ा के निर्देश पर वन अमला मौके पर पहुंचा और मृत चीतल को कब्जे में लेकर पशु चिकित्सक पाली के द्वारा पोस्टपार्टम कराने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पाली वन परिक्षेत्र मे बड़ी संख्या में चीतल-हिरन समूह का रहवास है जो गर्मी के मौसम में पहाडी मे पानी चारे की कमी पर आसपास के गांव पहुँचते हैं.और आवारा कुत्तों का शिकार बन जाते हैं या शिकारी द्वारा अथवा सड़क दुर्घटना मे मारे जाते हैं. कोयला खदान खुलने और हाईवे बन जाने के कारण इनका रहवास क्षेत्र सिमट कर रह गया है. वन विभाग इनके पानी चारे की व्यवस्था सहित संरक्षण सुरक्षा के उपाय करने मे अब तक नाकाम रहा है.


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