कोरबा। गुरुवार को सारा दिन आतंक का पर्याय बने रहे व 3 महिलाओं के अलावा 5 मवेशियों की मौत के जिम्मेदार दंतैल हाथी के कारण ग्राम खोडरी और आसपास के गांव में पूरे दिन बिजली गुल रही,अंधेरा छाया रहा। सुबह से गुल बिजली रात 10:15 बजे तब आई जब हाथी उस क्षेत्र से बाहर चला गया। इधर दूसरी तरफ हाथी को फिलहाल कोरबा जिले की सीमा से बाहर खदेड़ दिया गया है लेकिन खतरा टला नहीं है। जिले की सीमा से लगे छाता के जंगल में दंतैल विचरण कर रहा है और वन अमला उस पर नजर बनाए हुए हैं।
कटघोरा वनमंडल के पाली एसडीओ श्री टिकरिहा ने बताया कि की हाथी के इधर-उधर भागने और खासकर खेतों व आबादी क्षेत्र में जाने के कारण उसे करंट लगने का खतरा बना रहता है। अनेक लोग हुकिंग के जरिए कनेक्शन लिए रहते हैं तो खेतों में पानी सिंचाई आदि के लिए मोटर पंप लगाने बिजली के कनेक्शन खींचे गए हैं जो काफी कम ऊंचाई पर रहते हैं। ऐसे में हाथी इधर-उधर भागते वक्त करंट के संपर्क में ना आ जाए। इसके एहतियातन इलाके की बिजली फीडर से बंद कराई गई थी। रात में जब हाथी गांव खोडरी से बाहर निकाल तब बिजली फिर से बहाल कराई गई।
इधर दूसरी तरफ सुबह से गुल हुई बिजली रात करीब 10:15 बजे वापस लौटी। ग्रामीणों में इस बात की चर्चा है कि चूंकि हाथी ग्राम खोडरी स्थित वृंदावन के जंगल में छिपा हुआ था और जिस जगह पर हाथी की मौजूदगी कई घंटे तक बनी थी, वहां ही ट्रांसफार्मर होने के कारण विद्युत सुधार का कार्य नहीं हो सका था। इसकी वजह से ग्रामीणों को सुबह से लेकर रात तक अंधेरे में रहना पड़ा। हालांकि हाथी से बचने के लिए रोशनी करना भी एक माध्यम है लेकिन हाथी की जान को खतरा न इसके लिए बिजली गुल रही और लोग अपने-अपने घरों में दुबक कर हाथी के चले जाने की विनती करते रहे।
एसडीओ ने बताया कि वर्तमान में हाथी कोरबा जिले की सीमा से निकाला जा चुका है,छाता के जंगल में वह मौजूद है।
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